13 सित॰ 2008

ख़राब परिस्थितियों के बावजूद अमित बना वैज्ञानिक

 

ठनी ही रहती है मेरी सिरफिरी पागल हवाओं से,
मगर मैं रेत के टीले पे अपना घर बनाता हूं।


इरादे फौलादी हों, लक्ष्य अडिग हो और इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल मंजिल को पाने से नहीं रोक सकती। इसे पुन: प्रमाणित किया है पिता रामकिशोर व माता सरस्वती देवी के होनहार पुत्र अमित ने। सोना आग में तपकर कुन्दन बनता है और जीवन की कठिनाइयों से दो-दो हाथ करके ही आदमी में निखार आता है। यह महज कह दी गयी बातें नहीं हैं विषम परिस्थितियों ने ही महान मानवों को जना है।

जरा गौर करें पिता आजीवन कारावास की सजा के अन्तर्गत जेल में घर में मात्र डेढ़ बीघा खेती दोनों जून रोटी के लाले अकेली मां के कमजोर कंधों पर बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी। हजारों मुश्किलें ऐसी कि हार मान लेना ही नियति बन जाये। पर जैसा नाम ठीक वैसा ही काम कर दिखाया अमित ने। अमित इस शब्द का तात्पर्य ही है अधिक जो कम न हो। यथा नाम तथा गुण को चरितार्थ करने वाले अमित की उपलब्धि ने इनके गांव चांदपुर के साथ सम्पूर्ण जनपद के माथे पर चार चांद लगा दिये हैं। अमित भाभा एटामिक रिसर्च सेन्टर कलपक्कम में ए ग्रेड वैज्ञानिक बन गये हैं। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसने सुना वही चमत्कृत रह गया। कारण कि तमाम तरह की सुख सुविधायें और अच्छी व्यवस्थायें देने के बावजूद बाहर पढ़ने गये नौनिहाल अक्सर लौट के बुद्धू घर को आये वाली कहावत चरितार्थ करते हैं।


बचपन में ही पिता रामकिशोर पटेल हत्या के मुकदमे में जेल चले गये थे। उन कठिन दिनों में भी अमित ने साहस नहीं खोया। वह खुद तो पढ़ते ही रहे साथ ही अपने छोटे-भाई बहनों को भी अध्ययन के लिये निरंतर प्रेरित करते रहे। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि अमित ने अपनी पढ़ाई का खर्च खुद ही निकाला। पढ़ने के साथ पढ़ाना जिससे ज्ञान भी बढ़ा और खर्च भी चलता रहा। भौतिकी से प्रथम श्रेणी में परास्नातक अमित ने फरवरी 2008 में जब भाभा रिसर्च सेन्टर कलपक्कम में वैज्ञानिक पद हेतु परीक्षा दी थी उस वक्त उन्हें अपनी ऐसी सफलता की आशा नहीं थी। पर कहते हैं कि परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता सो यहां भी उन्होंने सफलता के उच्च आयाम स्थापित किये। उनका रिलज्ट आया तो वह ए ग्रेड के अन्तर्गत वैज्ञानिक बन चुके थे।

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7 टिप्‍पणियां:
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  1. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपके इस नये ब्लॉग का भी स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

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  2. नए चिट्ठे का स्वागत है. निरंतरता बनाए रखें.खूब लिखें,अच्छा लिखें.

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  3. अच्छा लिखा है. स्वागत है आपका.

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  4. प्राइमरी के मास्टर साहब, स्वागत हैं आपका।

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  5. श्रेष्ठ कार्य किये हैं.bahut sundar blog aur lekhan bhi suchintit.
    आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
    कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:

    http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
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  7. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है बधाई कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारें

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