16 दिस॰ 2013

‘माटी से माटी’ कार्यक्रम - 2013 सम्पन्न : ओम घाट से Pictures Live !

 

भिटौरा स्थित ओमघाट में माटी से माटी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। स्वामी विज्ञानानंद की प्रेरणा विगत कई वर्षो से होने वाले समारोह में इस बार देश के विभिन्न हिस्सों से आई  शख्सियतों को अभिनंदन एवं सम्मान किया गया। 

यह ऐसी प्रतिभाए हैं जो अपने कार्यक्षेत्र में एक मुक्कमल स्थान बनाकर अपनी माटी की खुशबू बिखेर रहे हैं। जनपदीय विभूति अलंकरण समारोह के समापन सम्मानित विभूतियों के भोजन की व्यवस्था थी।  देश के कोने-कोने से आए फतेहपुरी व उनके परिवारिक नैसर्गिक छटा को निहारते हुए ओम घाट के आसपास गिरि, कंदराओं व गंगा किनारे डूबते सूरज की अनुपम छटा को निहारते रहे। दुग्ध धवल धारा के साथ कलकल करती पतित पावनी गंगा के तट पर विभूतियों का संगम बन गया। भगवान भाष्कर ने अंगड़ाई के साथ सम्मान समारोह स्नेह की लड़ियों के साथ सूर्य की लालिमा के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। मंद हवा के झोंकों के साथ खिले व्यक्तित्व के चेहरों के हाथों में सम्मान आया तो सम्मान करने वालों और पाने वालों में खुशी का ठिकाना न रहा।

उत्तर वाहिनी गंगा तट में आयोजित जनपदीय गौरवशाली व्यक्तित्व अलंकरण समारोह रविवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गैर जनपदों और प्रांतों में सेवाएं दे रहे प्रतिभाओं ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती के उद्बोधन से हुई। जिले की धरती में पले बढ़े लोगों के आने का सिलसिला सुबह से ही शुरु हो गया था। आयोजन समिति की ओर से एक रुद्राक्ष माला, पुष्प गुच्छ, प्रतीक चिन्ह ओम और पगड़ी पहना कर विभूतियों को सम्मानित किया गया।
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