10 फ़र॰ 2009

हर-हर गंगे महादेव के जयकारों के साथ भक्तों ने पतित पावनी मां गंगा में डुबकी

 

माघ के चौथे पूर्णिमा के स्नान पर्व पर हर-हर गंगे महादेव के जयकारों के साथ भक्तों ने पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगायी। मौसम गुलाबी हो जाने के कारण घाटों में तड़के से ही स्नान करने वाले भक्तों की भीड़ पहुंचने लगी। उधर माघी पूर्णिमा पर कलेक्ट्रेट स्थित गौतम बुद्ध पार्क में बुद्ध समर्थकों ने भगवान बुद्ध को याद कर उनके आज ही के दिन आयु संस्कार के विसर्जन को याद करते हुए कहा कि जाति-पांति की दीवार ढहाकर मानव धर्म की सीख देने वाले भगवान बुद्ध मानवीय संस्कृति के विकास के द्योतक थे।

माघ के चौथे स्नान पर्व को लेकर भक्तों में खासा उल्लास रहा। पतित पावनी मां गंगा के भिटौरा स्थित ओम घाट, पक्का घाट, बलखंडेश्वर, असनी, नौबस्ता, आदमपुर, निंबुआ घाट, शिवराजपुर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच गयी। हर-हर गंगे महादेव के जयकारों के बीच भक्तों ने मां गंगा में डुबकी लगायी और मां के गंदे हो रहे आंचल को पवित्र रखने का संकल्प लिया। गंगा घाट स्थित मंदिरों में पूजा, अर्चना के साथ भक्तों ने प्रसाद वितरण किया। भक्तों की भीड़ को देखते हुए भिटौरा सहित कई घाटों में मेला लगा जिसमें लोगों ने मनचाही वस्तुओं की खरीददारी की। गंगा घाट तक भक्तों को ले जाने के लिये जहां शहर से कई स्थानों से अलग-अलग वाहन स्टैण्ड बने हुए थे वहीं घाट में सुरक्षा के लिहाज से गोताखोर भी लगाये गये थे।

माघी पूर्णिमा को बौद्ध अनुयायियों ने महापर्व के रूप में मनाया। डा.बाबा साहब अंबेडकर मिशन शाखा के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट स्थित बुद्धा पार्क में बुद्ध जी की प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलाकर पुष्पांजलि दी। भन्ते गजानन एवं भन्ते विजयानन्द ने बुद्ध वन्दना, पंचशील के साथ पूजा, अर्चना की। मिशन के जिला सचेतक रमेश बौद्ध ने कहा कि माघी पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने वैशाली में संकल्प करके आयु संस्कार का विसर्जन किया था और अपने परम शिष्य आनन्द को यह रहस्य समझाकर प्रचार कार्य प्रारम्भ कराया था।

1 टिप्पणी:
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  1. ्प्रवीण जी इस सुंदर जानकारी के लिये आप का, बहुत अच्छा लगा, यह सब पढ कर,
    धन्यवाद,

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