17 दिस॰ 2008

बर्ड फ्लू के बढ़ती आशंकाओं के बीच विभाग ने जनपद में हाई एलर्ट घोषित

 

बर्ड फ्लू के बढ़ती आशंकाओं के बीच विभाग ने जनपद में हाई एलर्ट घोषित कर दिया है। इसके तहत पोल्ट्री फार्मो को एहतियात बरतने के अलावा उन पोल्ट्री फार्मो को चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर सुअरबाडे भी हैं। विभागीय अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। यद्यपि अभी तक ऐसे मामले नहीं पाए गए। बावजूद इसके विभाग बाहर से आयात होने वाले मुर्गियों पर विशेष नजर रखे हुए है।मालूम हो कि असोम के कई क्षेत्रों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने पर भारी संख्या में मुर्गियां मार दी गई हैं। बावजूद इसके दर्जनों लोग फ्लू से संक्रमित हो गए। ऐसी खबरों के मद्देनजर जनपद का पशु पालन विभाग काफी चौकन्ना हो गया है। विभाग इस बात को लेकर खौफजदा है कि कहीं थोड़ी सी चूक के चलते जनपद में स्थापित हो रहा पोल्ट्री व्यवसाय चौपट हो जाए। बताते चलें कि जिले में पोल्ट्री व्यवसाय अभी तीन बरस से ज्यादा का नहीं है। इसका सालाना व्यवसाय तकरीबन पचास लाख रुपए का है। इसमें तीस फीसदी खुदरा क्षेत्र में शेष फार्मों के जरिए किया जा रहा है। किसी भी प्रकार के संक्रमण से सिर्फ यह व्यवसाय नष्ट हो जाएगा, बल्कि इस पेशे के जरिए रोजी पाए लोग भी बरबाद हो जाएंगे।
विभागीय अधिकारियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। पोल्ट्री फार्मो में नजर रखी जा रही है। साथ ही मुर्गियों के रक्त के नमूने लिए जा रहे हैं। इस बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ओपी गुप्ता ने बताया कि अभी तक प्रदेश में कहीं भी संक्रमण के मामला नहीं पाया गया फिर भी स्थितियों को देखते हुए सावधानी जरूरी है। उन्होंने बताया कि किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन एवं प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद है। उन्होंने बताया कि यदि स्थितियां ठीक रहीं तो मुर्गियां पहले ही बेच दी जाएंगी।
बर्डफ्लू यानी एवियन इन्फलूएन्जा पक्षियों में होने वाला विषाणु जनित रोग है। जो एच-5एन-1 नाम के विषाणु से फैलता है। मूल रूप से पक्षियों जैसे मुर्गी , बतख, जलमुर्गी आदि में पाया जाने वाला यह संक्रमण विपरीत परिस्थितियों में सुअर, घोडे़ आदि जैसे पशुओं को अपने को अपनी जद में ले लेता है। लेकिन सबसे बड़ा जोखिम घरेलू पोल्ट्री फार्मो को रहता है। डॉ गुप्ता ने बताया कि पोल्ट्री फार्मो में काम करने वाले लोग, गंदे पक्षियों से भरे-पिंजरों आदि के जरिए इसका प्रसार होता है। इसलिए सावधानी के तौर पर सफाई आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने अपील की है कि यदि कहीं पर एक से अधिक पक्षी मरे हैं या फिर फार्मो में कुछ मुर्गियां असमान्य दिखें तो इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें।

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