16 दिस॰ 2008

आंतकवादी हमले की सातवीं बरसी पर गोष्ठी का आयोजन

 

चिल्ड्रेन पब्लिक सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल में संसद पर आंतकवादी हमले की सातवीं बरसी पर आतंकवाद - समस्या व समाधान गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसकी अध्यक्षता जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. असगर वजाहत ने की।

आतंकवाद किसी तरह से किसी के लिये कभी हितकारी नहीं है दुनिया का कोई भी धर्म हिंसा को कभी जायज नहीं कहेगा। आतंक वाद के द्वारा किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
सेमीनार का मुख्य स्वर यही रहा। प्रो. असगर वजाहत ने कहा कि हिंसा को हिंसा से खत्म नहीं किया जा सकता है।


आतंकवाद को विचारों से हराया जा सकता है वैचारिक लड़ाई एक मजबूत हथियार है आंतक के खिलाफ। कहानी के माध्यम से प्रांगण में बैठे विद्यार्थियों को समझाया कि हिंसा से कुछ हासिल नहीं होता। कवि प्रयाग शुक्ल अपने संबोधन में बोले कि कोई आतंकी कैसे बन जाता है इसे समझना होगा। उन्होंने बच्चों से सीधा संवाद कायम कर उन्हें बालगीत सुनाये जिसपर बच्चों कई बार करतल ध्वनि कर अपना उत्साह प्रकट किया।

इसके पहले दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। फिर विद्यालय की छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत गीत प्रस्तुत कर किया। छात्राओं ने वंदेमातरम का गायन कर उपस्थित लोगों में उत्साह व देशभक्ति की भावना का संचार किया। कार्यक्रम को डा. गिरीश श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि आम लोग तो सिर्फ बलिदान दे सकते हैं। आतंकवाद उसी दिन खत्म होगा जिस दिन नेता चाहेंगे। अंत में विद्यालय के प्रबंधक ने कवि प्रयाग शुक्ल को शाल भेंट कर सम्मानित किया। विष्णु शुक्ल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर नगर के सभ्रांत जन साहित्य प्रेमी, विद्यालय परिवार के सदस्य आदि उपस्थित रहे।


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